Tuesday, 20 May 2025

Debt Recovery Officer

Debt Recovery Officer 

कर्ज़ वसूली एजेंट बनें – नया करियर, नई कमाई


अगर आप बैंकिंग और फाइनेंस की दुनिया में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो CSC Academy का Debt Recovery Agent (DRA) प्रोग्राम आपके लिए एक सुनहरा मौका है। यह कोर्स Indian Institute of Banking & Finance (IIBF) से मान्यता प्राप्त है।


इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप एक सर्टिफाइड DRA बन सकते हैं और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के साथ काम करके अच्छा कमीशन कमा सकते हैं।


प्रोग्राम की मुख्य बातें


ऑनलाइन मोड: आप कभी भी और कहीं से भी पढ़ सकते हैं।

अनुभवी ट्रेनर्स: आपको सिखाएंगे इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स।

पूरी सीखने की सामग्री: LMS, Taxmann हैंडबुक, डिजिटल कंटेंट और ट्रेनर-क्यूरेटेड लाइब्रेरी।

मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट: IIBF से सर्टिफिकेट मिलेगा जो नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाएगा।

अच्छी कमाई का अवसर: कमीशन के ज़रिए आप अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

Debt Recovery Officer


बैच विकल्प


 50 घंटे का बैच: ग्रेजुएट उम्मीदवारों के लिए

100 घंटे का बैच: अंडरग्रेजुएट उम्मीदवारों के लिए


फीस:₹4000 + 18% GST (इसमें किताबें और परीक्षा शुल्क शामिल हैं)


रजिस्ट्रेशन कैसे करें?


1. खुद से रजिस्ट्रेशन करें:

   वेबसाइट [https://www.cscacademy.org/](https://www.cscacademy.org/) पर जाएं और “DRA Training” पर क्लिक करें


2. CSC सेंटर के ज़रिए:

   Digital Seva Portal पर “DRA Training” सर्च करें


संपर्क करें

ईमेल: cscdra@cscacademy.org

mailto:cscdra@cscacademy.org

सपोर्ट नंबर: +91 70119 58630


आज ही जुड़ें और अपने करियर की नई शुरुआत करें। एक सर्टिफाइड DRA बनकर कमाएं और आगे बढ़ें।

Saturday, 29 March 2025

AHIDF Yojna

 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पशुपालन अवसंरचना विकास निधि: एक अवलोकन

हाल ही में घोषित प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज में 15000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) की स्थापना का उल्लेख किया गया था। पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) को निम्नलिखित स्थापित करने के लिए व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा 8 कंपनियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनुमोदित किया गया है:

(i) डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन अवसंरचना,

(ii) मांस प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन अवसंरचना,

(iii) पशु आहार संयंत्र,

(iv) नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और नस्ल गुणन फार्म

(v) पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन) और

(vi) पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा निर्माण सुविधाओं की स्थापना

संचालन का क्षेत्र :  पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF), जैसा कि आगामी पैराग्राफों में विस्तृत है, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।

उद्देश्य :  क. दूध और मांस प्रसंस्करण क्षमता और उत्पाद विविधीकरण को बढ़ाने में मदद करना, जिससे असंगठित ग्रामीण दूध और मांस उत्पादकों को संगठित दूध और मांस बाजार तक अधिक पहुंच प्राप्त हो सके।

ख. उत्पादक के लिए बढ़ी हुई मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करना।

ग. घरेलू उपभोक्ता के लिए गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस उत्पाद उपलब्ध कराना।

घ. देश की बढ़ती आबादी की प्रोटीन युक्त गुणवत्तापूर्ण खाद्य आवश्यकता को पूरा करना और दुनिया में कुपोषित बच्चों की सबसे अधिक आबादी में से एक में कुपोषण को रोकना।

ङ. उद्यमिता विकसित करना और रोजगार सृजित करना।

च. निर्यात को बढ़ावा देना और दूध और मांस क्षेत्र में निर्यात योगदान को बढ़ाना।

छ. मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर और मुर्गी को संतुलित राशन किफायती कीमतों पर उपलब्ध कराने के लिए गुणवत्तापूर्ण सांद्रित पशु आहार उपलब्ध कराना।

4. एएचआईडीएफ के तहत समर्थन के लिए पात्र संस्थाएं (ईई)

एएचआईडीएफ योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्र संस्थाएं हैं:

क. किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)

ख. निजी कंपनियां

ग. व्यक्तिगत उद्यमी

घ. धारा 8 कंपनियां

ङ. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम

5. कार्यान्वयन एजेंसी

पशुपालन अवसंरचना विकास निधि का कार्यान्वयन पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।

6. एएचआईडीएफ के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र गतिविधियाँ (डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन)

6.1 डेयरी प्रसंस्करण: डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना के तहत ईई निम्नलिखित की स्थापना के लिए लाभ प्राप्त कर सकता है:

6.1.1 गुणवत्ता और स्वच्छ दूध प्रसंस्करण सुविधाओं, पैकेजिंग सुविधाओं या डेयरी प्रसंस्करण से संबंधित किसी अन्य गतिविधि के साथ नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों को मजबूत करना।

6.1.2 मूल्य वर्धित डेयरी उत्पाद निर्माण:

ईई निम्नलिखित दुग्ध उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को मजबूत करने के लिए ऋण भी प्राप्त कर सकता है:

i. आइसक्रीम इकाई

ii. पनीर निर्माण इकाई

iii. टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध प्रसंस्करण इकाई

iv. फ्लेवर्ड मिल्क निर्माण इकाई

v. मिल्क पाउडर निर्माण इकाई

vi. व्हे पाउडर निर्माण इकाई

vii. कोई अन्य दुग्ध उत्पाद और मूल्य संवर्धन निर्माण इकाई।

viii. डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए आवश्यक किसी भी उपकरण और मशीनरी का निर्माण, जिसमें गुणवत्ता परीक्षण, मिलावट और संदूषक के निर्माता शामिल हैं।

6.2 मांस प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन सुविधाएं:

6.2.1. ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में भेड़/बकरी/मुर्गी/सुअर/भैंस के लिए नई मांस प्रसंस्करण इकाई की स्थापना और मौजूदा मांस प्रसंस्करण सुविधाओं को मजबूत करना।

6.2.2. बड़े पैमाने पर एकीकृत मांस प्रसंस्करण सुविधाएं/संयंत्र/इकाई।

6.2.3. मूल्य वर्धित उत्पाद: सॉसेज, नगेट्स, हैम, सलामी, बेकन या किसी अन्य मांस उत्पाद जैसे मांस उत्पादों के लिए नई या मौजूदा मूल्य संवर्धन सुविधाओं की स्थापना या सुदृढ़ीकरण। ये सुविधाएं मांस प्रसंस्करण इकाइयों का अभिन्न अंग या स्टैंडअलोन मांस मूल्य संवर्धन इकाई हो सकती हैं।

6.2.4. प्रत्येक मांस प्रसंस्करण संयंत्र की परियोजना लागत में अनिवार्य रूप से एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी), मांस माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्टिंग लेबोरेटरी, रेसिड्यू टेस्टिंग लेबोरेटरी, ऑफल रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज, स्किन/हाइड प्रोसेसिंग एरिया और उनके संरक्षण और प्रशीतन सुविधाएं कम से कम 24 घंटे के लिए चिल्ड उत्पादों और मूल्य वर्धित उत्पादों को रखने के लिए शामिल होनी चाहिए।

Sunday, 23 February 2025

DBIM CSC VLE

DBIM (डिजिटल बिजनेस इंटीग्रेशन मॉडल) एक ऐसा प्लेटफार्म है जो जीवन और व्यापार दोनों को आसान बनाने के लिए बनाया गया है। यह पहल नागरिकों और व्यापारियों को सरकारी सेवाओं तक सरल और तेज़ पहुँच प्रदान करती है।

DBIM Digital marketing


DBIM के जरिए आप सरकारी सेवाओं का लाभ ऑनलाइन ले सकते हैं। चाहे आधार कार्ड हो, पैन कार्ड हो या किसी अन्य जरूरी सेवा का आवेदन करना हो, इस प्लेटफार्म से प्रक्रिया तेज और आसान हो जाती है। इससे कागजी कार्यवाही कम होती है और समय की बचत भी होती है।


व्यापारियों के लिए भी DBIM एक महत्वपूर्ण उपकरण है। व्यापार से जुड़ी पंजीकरण, लाइसेंस, कर भुगतान जैसी प्रक्रियाएँ अब ऑनलाइन सरलता से पूरी की जा सकती हैं। इससे व्यापारियों को अपने व्यापार पर अधिक ध्यान देने का मौका मिलता है और उनकी कार्य प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है।


डिजिटल इंडिया के उद्देश्य के अनुरूप, DBIM नागरिकों और व्यापारियों को एकीकृत डिजिटल सेवाएँ प्रदान करता है। यह पहल समय की बचत करती है और काम को आसान बनाती है।


अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस लिंक पर जाएँ: https://dbimtoolkit.digifootprint.gov.in/

Tuesday, 18 February 2025

NPS Vatsalya for Childrens

अपने बच्चे के सपनों को पूरा करें बच्चों का भविष्य संवारने के लिए सही समय पर सही वित्तीय योजना बनाना जरूरी है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) ने NPS वत्सल्या योजना शुरू की है, जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।  

NPS Vatsalya for Childrens


NPS वत्सल्या क्या है  यह योजना विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाई गई है, जिसमें माता-पिता या अभिभावक जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए NPS खाता खोल सकते हैं। इससे बच्चे को कम उम्र से ही वित्तीय स्थिरता का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।  


 इस योजना के लाभ

1. जल्दी निवेश करने का अवसर – जन्म से 18 वर्ष तक अभिभावक अपने बच्चे के नाम से NPS खाता खोल सकते हैं  

2. कम निवेश में बड़ा लाभ – न्यूनतम वार्षिक योगदान केवल 1000 रुपये है  

3. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट – बच्चे के लिए भविष्य में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है  

4. वित्तीय शिक्षा का बढ़ावा – छोटे बच्चों को वित्तीय योजनाओं की समझ विकसित करने का मौका मिलता है  

5. रिटायरमेंट प्लानिंग का आरंभ – यह योजना बच्चे को आगे चलकर पेंशन का लाभ उठाने में भी मदद करती है  


योजना कैसे शुरू करें  

इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी **कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)** पर जाएं और NPS वत्सल्या खाता खुलवाएं।  


अधिक जानकारी के लिए  

अगर आपको इस योजना से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए तो आप pension@csc.gov.in पर  कर सकते हैं। 

NIOS Admission for 10th & 12th Failed Students – Open Schooling Opportunity

 10वीं और 12वीं फेल छात्रों के लिए NIOS के माध्यम से दोबारा सफलता पाने का मौका  


शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, लेकिन कभी-कभी परिस्थितियों के कारण कुछ छात्र 10वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षा में सफल नहीं हो पाते। ऐसे छात्रों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करता है, जिससे वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।  

10 and 12th Failed


एनआईओएस के माध्यम से पढ़ाई क्यों करें  

एनआईओएस के माध्यम से पढ़ाई करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें नियमित स्कूल जाने की अनिवार्यता नहीं होती। यह एक ओपन स्कूलिंग प्रणाली है, जिसमें छात्र अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा, एनआईओएस का सर्टिफिकेट देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा मान्यता प्राप्त है, जिससे छात्र आगे की पढ़ाई कर सकते हैं या नौकरी के अवसर तलाश सकते हैं।  


इस प्रणाली में छात्र अपनी पढ़ाई के साथ नौकरी भी कर सकते हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी बन सकते हैं।  


कौन ले सकता है प्रवेश  


एनआईओएस के तहत 10वीं और 12वीं के लिए कोई भी छात्र प्रवेश ले सकता है, जिसकी उम्र 14 वर्ष या उससे अधिक हो। यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो किसी कारणवश अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर पाए या पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में कठिनाई महसूस करते हैं।  


आवश्यक दस्तावेज  


एनआईओएस में प्रवेश के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।  


 10वीं कक्षा (सेकेंडरी) के लिए  

- आठवीं कक्षा की मार्कशीट या स्वप्रमाणन  

- जन्म प्रमाण पत्र  

- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)  

- हस्ताक्षर  

- पासपोर्ट साइज फोटो  


 12वीं कक्षा (सीनियर सेकेंडरी) के लिए  

- 10वीं कक्षा की मार्कशीट  

- जन्म प्रमाण पत्र  

- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)  

- हस्ताक्षर  

- पासपोर्ट साइज फोटो  


 रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया  


एनआईओएस में प्रवेश लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:  


1. आधिकारिक वेबसाइट [digitalsevacsc.gov.in](http://digitalsevacsc.gov.in) पर जाएं।  

2. सर्विसेज सेक्शन में शिक्षा (Education) विकल्प पर क्लिक करें।  

3. "Online Admission National Institute of Open Schooling" पर क्लिक करें।  

4. आवश्यक विवरण भरकर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।  

5. सीएससी वॉलेट के माध्यम से शुल्क का भुगतान करें।  


एनआईओएस उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो किसी कारणवश 10वीं या 12वीं की परीक्षा में सफल नहीं हो सके। यह एक लचीली और मान्यता प्राप्त शिक्षा प्रणाली है, जिससे छात्र अपने समय और सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। यदि आप या आपके किसी परिचित को इस सुविधा की आवश्यकता हो, तो आज ही अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त करें।

Sunday, 19 January 2025

CSC Latest Hindi Newsletter

CSC Latest Newsletter 

हम आपके लिए सीएससी समाचार का जनवरी 2025 संस्करण लेकर आए हैं। यह संस्करण खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता और सशक्तिकरण के प्रयासों को रेखांकित करता है। इसमें अनेक प्रेरणादायक कहानियां, उपलब्धियां, और आपके लिए उपयोगी जानकारी शामिल है।  

CSC Latest Hindi Newsletter


इस अंक के मुख्य विषय:

1. प्रबंध निदेशक की राय: उनकी सलाह और अनुभव आपके कार्य को नई दिशा दे सकते हैं।  

2. कठिन मौसम में जन सेवा का प्रयास: कैसे वीएलई ने विपरीत परिस्थितियों में सेवा प्रदान की।  

3. झारखंड राज्य सहकारी बैंक के साथ एमओयू: वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में एक नई शुरुआत।  

4. तेलंगाना में महिला सशक्तिकरण के उदाहरण: नई प्रेरणा।  

5. वीएलई एम. करन की प्रेरणादायक कहानी: सफलता की अनोखी यात्रा।  

6. गांवों में डिजिटल बदलाव की मुहिम: कैसे तकनीक ने दूरदराज के गांवों को बदला।  

7. वीएलई अद्दुलरफाक की सशक्तिकरण यात्रा: सफलता की मिसाल।  

8. टॉप समाचार: क्षेत्रीय स्तर पर सीएससी की प्रगति।  

9. ई-साइन सेवा लागू करने की सहजता: तकनीक को आसान बनाना।  

10. WAVES OTT: नई डिजिटल पहल।  

11. पत्र की बात: वीएलई समुदाय के लिए संदेश।  


सीएससी समाचार पढ़ने और अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए इसे अवश्य पढ़ें। अपने अनुभव और सुझाव साझा करके इस प्रयास को और भी सफल बनाएं।  


हिन्दी समाचार पत्र के लिए [यहां क्लिक करें] https://csc.gov.in/assets/e-magazine-tarang/cscnewsletter16Jan2025Hindi.pdf

समाचार पत्र को अपने मेल पर प्राप्त करने के लिए [यहां रजिस्टर करें] https://bit.ly/CSCNewsletter 


आइए, मिलकर ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण में अपनी भूमिका को और मजबूत करें।  


आपका,  

सीएससी Dost

Click official Website of CSC Centre Download it 

https://csc.gov.in/assets/e-magazine-tarang/cscnewsletter16Jan2025Hindi.pdf

Saturday, 18 January 2025

SVAMITVA Scheme Launched


प्रधानमंत्री ने SVAMITVA योजना की शुरुआत ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से की थी। इस योजना का उद्देश्य गांवों के आबाद क्षेत्रों में घरों के मालिकों को नवीनतम ड्रोन तकनीक से सर्वेक्षण कर 'स्वामित्व अधिकारों' के रिकॉर्ड प्रदान करना है।  


यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण में सहायता करती है और बैंक ऋणों के माध्यम से संस्थागत क्रेडिट को सक्षम बनाती है; संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करती है; ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति और संपत्ति कर का बेहतर आकलन करने में सहायक होती है और गांव स्तर पर समग्र योजना बनाने में मदद करती है।  


ड्रोन सर्वेक्षण 3.17 लाख से अधिक गांवों में पूरा हो चुका है, जो लक्षित गांवों का 92% कवर करता है। अब तक, 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।  


यह योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी पूरा हो चुका है।