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Tuesday, 18 February 2025

NPS Vatsalya for Childrens

अपने बच्चे के सपनों को पूरा करें बच्चों का भविष्य संवारने के लिए सही समय पर सही वित्तीय योजना बनाना जरूरी है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) ने NPS वत्सल्या योजना शुरू की है, जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।  

NPS Vatsalya for Childrens


NPS वत्सल्या क्या है  यह योजना विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाई गई है, जिसमें माता-पिता या अभिभावक जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए NPS खाता खोल सकते हैं। इससे बच्चे को कम उम्र से ही वित्तीय स्थिरता का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।  


 इस योजना के लाभ

1. जल्दी निवेश करने का अवसर – जन्म से 18 वर्ष तक अभिभावक अपने बच्चे के नाम से NPS खाता खोल सकते हैं  

2. कम निवेश में बड़ा लाभ – न्यूनतम वार्षिक योगदान केवल 1000 रुपये है  

3. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट – बच्चे के लिए भविष्य में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है  

4. वित्तीय शिक्षा का बढ़ावा – छोटे बच्चों को वित्तीय योजनाओं की समझ विकसित करने का मौका मिलता है  

5. रिटायरमेंट प्लानिंग का आरंभ – यह योजना बच्चे को आगे चलकर पेंशन का लाभ उठाने में भी मदद करती है  


योजना कैसे शुरू करें  

इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी **कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)** पर जाएं और NPS वत्सल्या खाता खुलवाएं।  


अधिक जानकारी के लिए  

अगर आपको इस योजना से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए तो आप pension@csc.gov.in पर  कर सकते हैं। 

NIOS Admission for 10th & 12th Failed Students – Open Schooling Opportunity

 10वीं और 12वीं फेल छात्रों के लिए NIOS के माध्यम से दोबारा सफलता पाने का मौका  


शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, लेकिन कभी-कभी परिस्थितियों के कारण कुछ छात्र 10वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षा में सफल नहीं हो पाते। ऐसे छात्रों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करता है, जिससे वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।  

10 and 12th Failed


एनआईओएस के माध्यम से पढ़ाई क्यों करें  

एनआईओएस के माध्यम से पढ़ाई करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें नियमित स्कूल जाने की अनिवार्यता नहीं होती। यह एक ओपन स्कूलिंग प्रणाली है, जिसमें छात्र अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा, एनआईओएस का सर्टिफिकेट देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा मान्यता प्राप्त है, जिससे छात्र आगे की पढ़ाई कर सकते हैं या नौकरी के अवसर तलाश सकते हैं।  


इस प्रणाली में छात्र अपनी पढ़ाई के साथ नौकरी भी कर सकते हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी बन सकते हैं।  


कौन ले सकता है प्रवेश  


एनआईओएस के तहत 10वीं और 12वीं के लिए कोई भी छात्र प्रवेश ले सकता है, जिसकी उम्र 14 वर्ष या उससे अधिक हो। यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो किसी कारणवश अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर पाए या पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में कठिनाई महसूस करते हैं।  


आवश्यक दस्तावेज  


एनआईओएस में प्रवेश के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।  


 10वीं कक्षा (सेकेंडरी) के लिए  

- आठवीं कक्षा की मार्कशीट या स्वप्रमाणन  

- जन्म प्रमाण पत्र  

- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)  

- हस्ताक्षर  

- पासपोर्ट साइज फोटो  


 12वीं कक्षा (सीनियर सेकेंडरी) के लिए  

- 10वीं कक्षा की मार्कशीट  

- जन्म प्रमाण पत्र  

- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)  

- हस्ताक्षर  

- पासपोर्ट साइज फोटो  


 रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया  


एनआईओएस में प्रवेश लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:  


1. आधिकारिक वेबसाइट [digitalsevacsc.gov.in](http://digitalsevacsc.gov.in) पर जाएं।  

2. सर्विसेज सेक्शन में शिक्षा (Education) विकल्प पर क्लिक करें।  

3. "Online Admission National Institute of Open Schooling" पर क्लिक करें।  

4. आवश्यक विवरण भरकर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।  

5. सीएससी वॉलेट के माध्यम से शुल्क का भुगतान करें।  


एनआईओएस उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो किसी कारणवश 10वीं या 12वीं की परीक्षा में सफल नहीं हो सके। यह एक लचीली और मान्यता प्राप्त शिक्षा प्रणाली है, जिससे छात्र अपने समय और सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। यदि आप या आपके किसी परिचित को इस सुविधा की आवश्यकता हो, तो आज ही अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त करें।

Saturday, 28 December 2024

VLE for Digital India

What is VLE? Role, Registration, and Benefits of Village Level Entrepreneurs in India

VLE (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया मिशन के तहत शुरू की गई एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएं पहुंचाना है। VLE वह उद्यमी हैं जो अपने स्वामित्व वाले CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी सेवाएं अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। ये केंद्र ऐसे डिजिटल हब के रूप में काम करते हैं, जहां ग्रामीण जनता को आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आवेदन, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और यहां तक कि बैंकिंग सेवाएं भी मिलती हैं। CSC केंद्र न केवल एक सेवा प्रदाता है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता फैलाने का भी कार्य करता है।

What is VLE? Role, Registration, and Benefits of Village Level Entrepreneurs in India

CSC केंद्र का संचालन करने के लिए कुछ पूर्व शर्तें निर्धारित की गई हैं। पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक होना चाहिए। साथ ही, आवेदक के पास एक मान्य टेलीसेन्टर एंटरप्रेन्योर कोर्स (TEC) प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है, जिसे CSC अकादमी द्वारा डिज़ाइन किया गया है। TEC प्रमाणपत्र के लिए इच्छुक व्यक्ति https://www.cscentrepreneur.in/register पर पंजीकरण कर सकते हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, व्यक्ति CSC नेटवर्क में शामिल होकर VLE के रूप में काम करने के योग्य हो जाता है। इसके अलावा, SHG (सेल्फ हेल्प ग्रुप) या RDD (रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट) जैसी योजनाओं के तहत पंजीकरण के लिए कुछ अतिरिक्त प्रक्रियाएं होती हैं। उदाहरण के लिए, SHG के तहत पंजीकरण के लिए आवेदक को अपना नाम, मोबाइल नंबर, राज्य और जिला प्रदान करना होता है, जबकि RDD के मामले में चयन के अनुसार पंजीकरण कोड की आवश्यकता होती है।

पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान कुछ दस्तावेज आवश्यक होते हैं, जिनमें आवेदक की फोटो, पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण और चेक या पासबुक की रद्द प्रति शामिल हैं। इसके अलावा, CSC केंद्र को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए कुछ न्यूनतम हार्डवेयर आवश्यकताएं भी पूरी करनी होती हैं। इनमें कम से कम 120 GB हार्ड डिस्क, 512 MB RAM, प्रिंटर (रंगीन प्रिंटर समेत), वेब कैमरा, डिजिटल कैमरा, स्कैनर और 128 kbps या उससे अधिक स्पीड की इंटरनेट कनेक्शन शामिल है। CSC केंद्र को स्थिर बिजली आपूर्ति के लिए 4 घंटे की बैटरी बैकअप या पोर्टेबल जेनसेट की भी आवश्यकता होती है।

CSC केंद्र का उद्देश्य केवल सेवाएं प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। CSC केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पहुंच बढ़ाने और उन तक सरकारी सेवाएं सरल तरीके से पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम है। यह केंद्र ग्रामीण जनता को न केवल डिजिटल पहचान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें डिजिटल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कौशल विकास कार्यक्रम, और वित्तीय समावेशन का भी लाभ देता है।

टेलीसेन्टर एंटरप्रेन्योर कोर्स (TEC) एक ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसे CSC अकादमी ने डिज़ाइन किया है। इसका उद्देश्य डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को सक्षम बनाना है, ताकि वे ICT (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) आधारित केंद्र खोल सकें। TEC कोर्स पूरा करने के बाद, व्यक्ति न केवल एक CSC केंद्र खोल सकता है, बल्कि डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अपने समुदाय की सेवा भी कर सकता है। यह कोर्स डिजिटल उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।

VLE बनने की प्रक्रिया न केवल एक रोजगार का अवसर प्रदान करती है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन का अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को कम करना। CSC केंद्रों के माध्यम से, VLE ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग आसान बनाते हैं, जिससे न केवल उनके जीवन में सुविधा आती है, बल्कि वे सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में भी सक्षम हो पाते हैं।

इस प्रकार, VLE की भूमिका ग्रामीण भारत के डिजिटल और सामाजिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। यह पहल न केवल सेवाएं प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान करती है। VLE के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य हर ग्रामीण नागरिक को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।