What is VLE? Role, Registration, and Benefits of Village Level Entrepreneurs in India
VLE (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया मिशन के तहत शुरू की गई एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएं पहुंचाना है। VLE वह उद्यमी हैं जो अपने स्वामित्व वाले CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी सेवाएं अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। ये केंद्र ऐसे डिजिटल हब के रूप में काम करते हैं, जहां ग्रामीण जनता को आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आवेदन, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और यहां तक कि बैंकिंग सेवाएं भी मिलती हैं। CSC केंद्र न केवल एक सेवा प्रदाता है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता फैलाने का भी कार्य करता है।
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CSC केंद्र का संचालन करने के लिए कुछ पूर्व शर्तें निर्धारित की गई हैं। पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक होना चाहिए। साथ ही, आवेदक के पास एक मान्य टेलीसेन्टर एंटरप्रेन्योर कोर्स (TEC) प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है, जिसे CSC अकादमी द्वारा डिज़ाइन किया गया है। TEC प्रमाणपत्र के लिए इच्छुक व्यक्ति https://www.cscentrepreneur.in/register पर पंजीकरण कर सकते हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, व्यक्ति CSC नेटवर्क में शामिल होकर VLE के रूप में काम करने के योग्य हो जाता है। इसके अलावा, SHG (सेल्फ हेल्प ग्रुप) या RDD (रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट) जैसी योजनाओं के तहत पंजीकरण के लिए कुछ अतिरिक्त प्रक्रियाएं होती हैं। उदाहरण के लिए, SHG के तहत पंजीकरण के लिए आवेदक को अपना नाम, मोबाइल नंबर, राज्य और जिला प्रदान करना होता है, जबकि RDD के मामले में चयन के अनुसार पंजीकरण कोड की आवश्यकता होती है।
पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान कुछ दस्तावेज आवश्यक होते हैं, जिनमें आवेदक की फोटो, पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण और चेक या पासबुक की रद्द प्रति शामिल हैं। इसके अलावा, CSC केंद्र को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए कुछ न्यूनतम हार्डवेयर आवश्यकताएं भी पूरी करनी होती हैं। इनमें कम से कम 120 GB हार्ड डिस्क, 512 MB RAM, प्रिंटर (रंगीन प्रिंटर समेत), वेब कैमरा, डिजिटल कैमरा, स्कैनर और 128 kbps या उससे अधिक स्पीड की इंटरनेट कनेक्शन शामिल है। CSC केंद्र को स्थिर बिजली आपूर्ति के लिए 4 घंटे की बैटरी बैकअप या पोर्टेबल जेनसेट की भी आवश्यकता होती है।
CSC केंद्र का उद्देश्य केवल सेवाएं प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। CSC केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पहुंच बढ़ाने और उन तक सरकारी सेवाएं सरल तरीके से पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम है। यह केंद्र ग्रामीण जनता को न केवल डिजिटल पहचान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें डिजिटल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कौशल विकास कार्यक्रम, और वित्तीय समावेशन का भी लाभ देता है।
टेलीसेन्टर एंटरप्रेन्योर कोर्स (TEC) एक ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसे CSC अकादमी ने डिज़ाइन किया है। इसका उद्देश्य डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को सक्षम बनाना है, ताकि वे ICT (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) आधारित केंद्र खोल सकें। TEC कोर्स पूरा करने के बाद, व्यक्ति न केवल एक CSC केंद्र खोल सकता है, बल्कि डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अपने समुदाय की सेवा भी कर सकता है। यह कोर्स डिजिटल उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।
VLE बनने की प्रक्रिया न केवल एक रोजगार का अवसर प्रदान करती है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन का अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को कम करना। CSC केंद्रों के माध्यम से, VLE ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग आसान बनाते हैं, जिससे न केवल उनके जीवन में सुविधा आती है, बल्कि वे सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में भी सक्षम हो पाते हैं।
इस प्रकार, VLE की भूमिका ग्रामीण भारत के डिजिटल और सामाजिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। यह पहल न केवल सेवाएं प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान करती है। VLE के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य हर ग्रामीण नागरिक को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।